Tuesday, January 19, 2010

दिल तो बच्चा है जी.......

दिल पर दो कौमों ने ही सर्वाधिक प्रयोग व अनुसंधान किए हैं, एक डाक्टरों की बिरादरी ने और दूसरे फिल्म इण्डस्ट्री की नये-पुराने गीतकारों ने। दिल को मद्देनजर रखकर जो प्रयोग हमारे गीतकारों ने किए हैं उतने तो दुनिया भर के डाक्टर भी अभी तक कर नहीं पाए हैं। गीतों के बोल कल्पना के पंख लगाकर वहां   तक पहुंच जाते हैं जहां बड़े से बड़ा ‘हार्ट सर्जन’ भी पहुंच नहीं पाता है। इस साल का नया-नवेला, गर्मा-गर्म ‘दिली तोहफा’ हम सबको को मशहूर व बुजुर्ग गीतकार गुलजार साहब ने दिया है..................दिल तो बच्चा है जी। प्रसिद्व निर्माता-निर्देशक विशाल भारद्वाज की शीघ्र रिलिज होने वाली फिल्म ‘इश्किया’ के लिए एक से एक उम्दा गाने लिखकर गुलजार साहब ने सबको एक बार फिर झूमने के लिए मजबूर कर दिया है। गुलजार साहब के लिखे इस गाने को मशहूर पाकिस्तानी गायक उस्ताद राहत फतेह अली खां ने अपनी मखमली आवाज से सजाया है।

गीत के बोल हम सबको एक बार फिर ये सोचने के लिए मजबूर कर देता है कि दिल थोड़ा बच्चा होने के साथ-साथ कच्चा भी होता है। दिल के आगे तो बड़े-बड़े बादशाह भी हार गए इतिहास इसका साक्षी है। विशाल मेरठ से ताल्लुक रखते हैं। उनकी पिछली फिल्में ‘ओमकारा’, ‘कमीने’ में लोग उनकी प्रतिभा का लोहा मान चुके हैं। विशाल  की फिल्में खुद उनकी पृष्ठभूमि पश्चमी उत्तर प्रदेश के इर्द-गिर्द घूमती हैं, और विशाल अपने अंदर रचे-बसे उस माहौल व परिवेश को सिल्वर स्क्रीन पर बखूबी फिल्माते भी हैं। ‘इश्किया’ का ताना-बाना भी पश्चमी उत्तर प्रदेश के मस्त व ‘खाओ-पीओ और ऐश करो’ के माहौल पर ही आधारित जान पड़ता है। फिल्म की स्टोरी तो मुझे मालूम नहीं है, लेकिन ‘प्रोमो’ देखकर तो यही लगता है कि विशाल की इश्किया से जनता को इशक  जरूर होगा।

सच हम सबका दिल बच्चा ही तो है..............पता नहीं किसका दिल कब किस पर आ जाए......... मचल जाए.........पसीज जाए.......कमीना हो जाए। दिल को काबू में रखने के लिए ही साधु-संत भी एकांत में धूनी रमाते हैं, क्योंकि दिल तो बच्चा है जी..........पता नहीं कब भटक या मटक जाए। दिल को लेकर न जाने कितने गाने लिखे जा चुके है और न जाने कितनी फिल्मों के टाइटल दिल के आगे-पीछे ही घूमते हैं। लेकिन दिल से न तो फिल्मकार व गीतकार ऊबते हैं और न ही दर्शक। क्योंकि दिल है ही ऐसी चीज। गरीब-अमीर, छोटे-बड़े से जुड़ा दिल शायद बच्चा ही होता है। इसलिए दिल पर फिल्में बनाई जाती है, गाने लिखे जाते हैं और दर्शक भी उन्हें उतनी ही इज्जत-मान देकर दिल में जगह देते हैं। क्योंकि दिल तो हम सबके अंदर धड़कता है। गाने के बोल बड़े प्यारे हैं, सुनकर ऐसा नही लगता है कि किसी बुजुर्ग गीतकार ने इन्हें लिखा होगा। असल में तो गीतकार का दिल भी बच्चा ही है उम्र का दिल से क्या लेना-देना। हिन्दी सिनेमा को ये नायाब तोहफा देने के लिए गुलजार साहब को शुक्रिया। अब आप भी मेरे साथ-साथ दिल से गुनगुनाइये...........

ऐसी उलझी नजर उनसे हटती नहीं
दांत से रेशमी डोर कटती नहीं


उम्र कब की बरस के सफेद हो गई
कारी बदरी जवानी की छंटती नहीं


वल्लाह ये धड़कन बढ़ने लगी है
चेहरे की रंगत उड़ने लगी है


डर लगता है तन्हा सोने में जी


दिल तो बच्चा है जी-2
थोड़ा कच्चा है जी

3 comments:

  1. http://sound18.mp3pk.com/indian/ishqiya/ishqiya01(www.songs.pk).mp3

    ऐसी उलझी नज़र उनसे हटती नहीं...
    दांत से रेशमी डोर कटती.. नहीं...
    उम्र कब की बरस के सुफेद हो गयी
    कारी बदरी जवानी की छटती नहीं

    वर्ना यह धड़कन बढ़ने लगी है
    चेहरे की रंगत उड़ने लगी है
    डर लगता है तन्हा सोने में जी

    दिल तो बच्चा है जी
    दिल तो बच्चा है जी
    थोडा कच्चा है जी
    हाँ... दिल तो बच्चा है जी

    ऐसी उलझी नज़र उनसे हटती नहीं
    दांत से रेशमी डोर कटती नहीं
    उम्र कब की बरस के सुफेद हो गयी
    कारी बदरी जवानी की छटती नहीं

    रा रा ऱाआ … रा रा ऱाआ ….
    रा रा ऱाआ … रा रा ऱाआ ….
    रा रा ऱाआ … रा रा ऱाआ ….

    किसको पता था पहलु में रखा
    दिल ऐसा बाजी भी होगा
    हम तो हमेशा समझते थे कोई
    हम जैसा हाजी ही होगा

    हाँ यह जोर करें , कितना शोर करें
    बेवजा बातें पे ऐंवे गौर करें

    दिलसा कोई कमीना नहीं

    कोई तो रोके , कोई तो टोके
    इस उम्र में अब खाओगे धोखे
    डर लगता है इश्क करने में जी

    दिल तो बच्चा है जी
    दिल तो बच्चा है जी
    थोडा कच्चा है जी
    हाँ दिल तो बच्चा है जी

    ऐसी उदासी बैठी है दिल पे
    हंसने से घबरा रहे हैं
    सारी जवानी कतरा के काटी
    पीरी में टकरा गए हैं

    दिल धड़कता है तो ऐसे लगता है वोह
    आ रहा है यहीं देखता ही ना हो
    प्रेम कि मारें कटार रे

    तौबा ये लम्हे कटते नहीं क्यूँ
    आँखें से मेरी हटते नहीं क्यूँ
    डर लगता है तुझसे कहने में जी

    दिल तो बच्चा है जी
    दिल तो बच्चा है जी
    थोडा कच्चा है जी
    हाँ दिल तो बच्चा है जी

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  2. very good sir ji. thank u ji.

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    1. "वर्ना" नहीं "वल्लाह"
      "दिल ऐसा बाजी भी होगा" Nahin - "दिल ऐसा पाजी भी होगा"
      "प्रेम कि मारें कटार रे " Correct it to "प्रेम की मारें कटार रे "
      "आँखें से मेरी" to - "आँखों से मेरी "
      डर लगता है तुझसे कहने में जी correction - डर लगता है खुद से कहने में जी

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